योगी सरकार का फैसला, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द, 6 महीने में दोबारा होगा एग्जाम. 60 हजार सिपाही पदों के लिए 48 लाख ने परीक्षा दी थी

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई है। पेपर लीक होने का आरोप लगाकर पूरे प्रदेश में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद शनिवार 24 फरवरी को यूपी सरकार ने परीक्षा कैंसिल फैसला लिया और  6 महीने में फिर से परीक्षा होगी। इसमें 48 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए थे।

उत्‍तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को राज्‍य के विभिन्न जिलों में हुई पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है और छह माह के भीतर पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिये हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार को यह फैसला किया।

इसी संदेश में उन्‍होंने कहा कि ‘परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है.’ इस बीच मुख्‍यमंत्री के एक सहयोगी ने बताया कि परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के ‘रडार’ पर हैं और अब तक कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

एडीजी रैंक के अधिकारी इस जांच कमेटी को हेड कर रहे हैं और भर्ती बोर्ड के पास अब तक तकरीबन 1500 शिकायतें अभ्यर्थियों के द्वारा भेजी गई हैं. इंटरनल समिति इन्हीं शिकायत की जांच करके पता लगाएंगे कि वाकई में एग्जाम से पहले पेपर लीक हुए थे या नहीं?

इस कमेटी की जांच ADG अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हो रही है. पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने यह कमेटी बनाई है. इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की तरफ से सभी अभ्यर्थियों को बीते शुक्रवार शाम 6:00 बजे तक एविडेंस के साथ पेपर लीक मामले में ईमेल पर शिकायत भेजने के लिए कहा गया था.

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